भारतीय रसोई में दालों का विशेष स्थान है। सादी दाल हो या सब्ज़ियों और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों के साथ बनी दाल, या फिर घी में तड़का लगी सुगंधित दाल, हर रूप में दाल भारतीय भोजन की शान है। दाल हर किसी का कम्फर्ट फूड है। दक्षिण भारत में सांभर के लिए तूर दाल, महाराष्ट्र में आमटी, गुजरात में खट्टी-मीठी दाल—हर क्षेत्र की दाल का स्वाद, खुशबू और अंदाज़ अलग होता है।

शाकाहारियों के लिए दालें प्रोटीन का प्रमुख स्रोत हैं और इनमें भरपूर पोषक तत्व पाए जाते हैं।

आइए जानें रोज़ाना खाने योग्य 5 देसी दालें और उनके स्वास्थ्य लाभ।

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देसी दालों की 5 प्रमुख किस्में और उनके फायदे

मूंग दाल

मूंग दाल सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली दालों में से एक है। साबुत या धुली मूंग दाल पोषक तत्वों से भरपूर होती है, जैसे मैंगनीज़, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, जिंक, फोलेट, प्रोटीन और फाइबर।

फायदे:

  • आसानी से पचने वाली, चिकित्सीय डाइट के लिए उपयुक्त
  • कोलेस्ट्रॉल कम कर हृदय रोग का खतरा घटाती है
  • डायबिटीज़ में ब्लड शुगर नियंत्रित करती है
  • वजन घटाने में सहायक
  • बी-विटामिन से भरपूर, PMS लक्षणों में मददगार
  • रात में भी खाई जा सकती है क्योंकि यह हल्की होती है

 उड़द दाल

उड़द दाल साबुत या धुली दोनों रूपों में खाई जाती है। दाल मखनी से लेकर इडली, डोसा, वड़ा तक—उड़द दाल स्वाद और पोषण से भरपूर है। इसमें प्रोटीन, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन और विटामिन A व C होते हैं।

फायदे:

  • पाचन को बेहतर बनाती है
  • हड्डियों को मज़बूत करती है
  • ऊर्जा बढ़ाती है और ब्लड शुगर नियंत्रित करती है
  • त्वचा और बालों के स्वास्थ्य में सहायक

तूर दाल

तूर दाल भारतीय रसोई की सबसे आम दाल है। दक्षिण भारत का सांभर तूर दाल के बिना अधूरा है। इसमें प्रोटीन, आयरन, फोलिक एसिड, मैग्नीशियम और बी-विटामिन होते हैं।

फायदे:

  • फोलिक एसिड से भरपूर, गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी
  • हृदय रोग, स्ट्रोक और डायबिटीज़ का जोखिम कम करती है
  • फाइबर से भरपूर, पाचन में मददगार

 

मसूर दाल

मसूर दाल भारतीय घरों में आमतौर पर बनाई जाती है और सब्ज़ियों के साथ बहुत स्वादिष्ट लगती है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फोलेट और बी-विटामिन होते हैं।

फायदे:

  • त्वचा को स्वस्थ रखती है और मुंहासों से बचाती है
  • ब्लड शुगर को संतुलित करती है
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है

चना दाल

चना दाल पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इससे पकौड़े, सूप, सलाद और करी बनाई जाती है। इसमें प्रोटीन, फोलेट, जिंक, कैल्शियम और फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं।

फायदे:

लोबिया / चवली

लोबिया प्रोटीन और आवश्यक अमीनो एसिड से भरपूर है। यह कम कैलोरी वाली दाल है और वजन नियंत्रण में मदद करती है। पंजाब में लोबिया की सब्ज़ी बहुत लोकप्रिय है।

फायदे:

  • हड्डियों और जोड़ों को मज़बूत बनाती है
  • मांसपेशियों को मज़बूती देती है
  • इम्युनिटी बढ़ाती है और ऊर्जा देती है

मटकी दाल

महाराष्ट्र की मशहूर मिसल पाव में मटकी का खूब उपयोग होता है। इसमें प्रोटीन, फोलेट, फाइबर, आयरन और पोटैशियम होता है।

फायदे:

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

दाल खाने के क्या फायदे हैं?

दालें प्रोटीन, फाइबर, आयरन, फोलेट और पोटैशियम से भरपूर होती हैं। ये वजन नियंत्रण और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए उत्तम हैं।

क्या दाल पाचन के लिए अच्छी है?

हाँ, दाल में मौजूद फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज से राहत देता है।

क्या दाल डायबिटीज़ में फायदेमंद है?

हाँ, दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ब्लड

शुगर तेज़ी से नहीं बढ़ता।

डाइट में दाल कैसे शामिल करें?

दाल को सूप, करी, सलाद, स्टू, टिक्की और डिप्स के रूप में शामिल किया जा सकता है।

क्या रोज़ दाल खा सकते हैं?

हाँ, संतुलित आहार में रोज़ दाल खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है।